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श्री महाकाल दरबार |
चार दिसंबर, 2022 को इंदौर एक्सप्रेस से दिल्ली से उज्जैन पहुंचे। शाम में बाबा श्री महाकाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। ऐेसे लगा जैसे जीवन धन्य हो गया हो... मन-मस्तिष्क में अपरिमित ऊर्जा का संचार हुआ। पूरा परिवार गदगद था। सूर्यास्त के बाद नवनिर्मित श्री महाकाल लोक में बत्तियां जल उठीं। अभी श्रीमहाकाल लोक के दो अन्य चरणों का निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए प्रवेश करते वक्त उस वैभव का एहसास भी नहीं कर सका, जिसका कुछ ही क्षण बाद साक्षी बनने वाला था। करीब 200 कदम चलने के बाद श्रीमहाकाल लोक के वैभव की पहली झलक दिखाई दी। दरअसल, यही श्रीमहाकाल लोक का मुख्य प्रवेश द्वार था और हमने जिस द्वार के प्रवेश किया था वह धाम का पिछला हिस्सा यानी प्रवेश द्वार संख्या चार था।
श्रीमहाकाल लोक में सनातन संस्कृति को सहेजने और उन्हें भव्यता प्रदान करने का बेहतरीन काम हुआ है। यह श्रीमहाकाल लोक का पहला चरण है और उसकी भव्यता मन को छू जाती है। दो और चरणों पर काम तेजी से चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दो चरणों के पूरा होने के बाद श्रीमहाकाल लोक का वैभव अप्रतिम हो जाएगा। माताजी बुजुर्ग हैं और यात्रा के कारण हम भी थके हुए थे, इसलिए श्रीमहाकाल लोक के प्रथम चरण के अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाए। बीच से ही लौटने के क्रम में भारत माता मंदिर के दर्शन हुए। अगले दिन सुबह करीब 150 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एक अन्य ज्योतिर्लिंग बाबा ओंकारेश्वर व ममकेश्वर के दर्शन के लिए रवाना होना था, तो हम सभी खाना खाने के बाद जल्दी सो गए।
(क्रमशः )
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श्री महाकाल लोक |
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श्री महाकाल लोक |
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