शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

तीन चौथाई: देशकाल

तीन चौथाई: देशकाल: डरो ‘भगवान’, अपने अस्तित्व के लिए डरो!
पहले एक कहानी सुनिये। एक राजा थे। बहुत प्रतापी। जनता उनसे बहुत प्यार करती थी। राजा का दरबार भी ज...