रविवार, 9 अक्टूबर 2011

वंदना

प्रेरित करो उस मार्ग की ओर,
जिस मार्ग पर अच्छे जाते हैं।
करते मर्यादा का पालन और
पुरुषोत्तम कहलाते हैं।
भक्ति में अपनी शक्ति दो,
अटल विश्वास दो सत्कर्म पे।
कस लूं प्रत्यंचा वरदान दो,
आघात न हो कभी धर्म पे।
वह शक्ति दो हमें हे निधि,
निज स्वार्थ का न कभी हो मन।
सत्कर्म में ही डटे रहें,
पर सेवा में हो बस विलीन तन।