तीन चौथाई: तीन चौथाई सृजन संसार: यहां तैयार होते हैं लड़ाका मुर्गे
जमशेदपुर सिटी समेत आसपास के इलाकों में टुसू पर्व पर मेले का आयोजन व मुर्गे की लड़ाई परंपरा का हिस्सा है. टुसू मेले का इंतजार लोगों को पूरे वर्ष रहता है. इसकी तैयारियां भी काफी लंबे समय से चल रही होती हैं. सच कहा जाये, तो टुसू मेले में आकर्षण का केंद्र मुर्गा लड़ाई ही होती है. शहर ही नहीं, गांव-गांव में भी मुर्गा पालक उन्हें महीनों पहले से तैयार करने लगते हैं. यहां तक लोग मुर्गे की हार-जीत से साल भर के लिए अपनी किस्मत का निर्धारण भी कर लेते हैं. बोड़ाम प्रखंड में एक ऐसा ही गांव है, जहां मुर्गों के शौकीन लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. यहां शायद ही कोई ऐसा घर हो, जहां लड़ाके मुर्गे पाले न जाते हों या तैयार न किये जाते हों...
तीन चौथाई