तीन चौथाई: तीन चौथाई व्यंग्य: 17 वर्षों की बेमेल शादी फलसफा धमाकेदार तलाक
गुड़िया को दूल्हा तो पहले दिन से ही पसंद नहीं था, लेकिन उसकी ताकत को वह नजरअंदाज नह...
रविवार, 16 जून 2013
रविवार, 2 जून 2013
तीन चौथाई: तीन चौथाई काव्य संसार
तीन चौथाई: तीन चौथाई काव्य संसार:
जिस पापी को गुण नहीं; गोत्र प्यारा है,
समझो, उसने ही हमें यहाँ मारा है।
जो सत्य जान कर भी न सत्य कहता है,
या किसी लोभ के विवश मूक रहता है,
उस कुटिल राजतन्त्री कदर्य को धिक् है,
यह मूक सत्यहन्ता कम नहीं वधिक है।
चोरों के हैं जो हितू, ठगों के बल हैं,
जिनके प्रताप से पलते पाप सकल हैं,
जो छल-प्रपंच, सब को प्रश्रय देते हैं,
या चाटुकार जन से सेवा लेते हैं;
यह पाप उन्हीं का हमको मार गया है,
भारत अपने घर में ही हार गया है....
जिस पापी को गुण नहीं; गोत्र प्यारा है,
समझो, उसने ही हमें यहाँ मारा है।
जो सत्य जान कर भी न सत्य कहता है,
या किसी लोभ के विवश मूक रहता है,
उस कुटिल राजतन्त्री कदर्य को धिक् है,
यह मूक सत्यहन्ता कम नहीं वधिक है।
चोरों के हैं जो हितू, ठगों के बल हैं,
जिनके प्रताप से पलते पाप सकल हैं,
जो छल-प्रपंच, सब को प्रश्रय देते हैं,
या चाटुकार जन से सेवा लेते हैं;
यह पाप उन्हीं का हमको मार गया है,
भारत अपने घर में ही हार गया है....
तीन चौथाई: तीन चौथाई साहित्य संसार
तीन चौथाई: तीन चौथाई साहित्य संसार:
डॉ. नामवर सिंह ने शुरुआती दिनों में कई तरह का सृजनात्मक लेखन किया। बाद में वे आलोचना और वक्तृत्व के नए प्रतिमान बनाने में इतने व्यस्त हो गए कि यह पक्ष छूट गया। उनकी प्रारंभिक रचनाएं पिछले दिनों प्रकाशित हुई हैं। प्रस्तुत हैं उनमें से कहानी की कहानी और कुछ कविताएं
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